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Hospital Me Hone Wale Infection Se Bachne (Hindi) by Shammim Khan

हॉस्पिटल के वातावरण में बैक्टीरिया, वायरस या फंगस जैसे रोगाणु मौजूद होते हैं, जो आसानी से शरीर में पहुंच जाते हैं।
हम हॉस्पिटल जाते हैं बीमारी का इलाज करवाने, जिसके लिए हमें कई बार वहां भर्ती भी होना पड़ता है। शायद आपको इस बात का अंदाजा न हो कि हॉस्पिटल में रहने के दौरान आप हॉस्पिटल अक्वायर्ड इंफेक्शन यानी एचएआई का शिकार भी हो सकते हैं। स्पिटल अक्वायर्ड इंफेक्शन (एचएआई) यानी हॉस्पिटल में जाने से होने वाला संक्रमण एक ऐसा संक्रमण है, जो स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के स्टाफ या वहां के वातावरण से फैलता है। स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पुनर्वास सुविधा केंद्र, क्लिनिक आदि स्थान सम्मिलित हैं। एचएआई में उन संक्रमणों को सम्मिलित किया जाता है, जिनकी चपेट में हॉस्पिटल में भर्ती मरीज आ जाते हैं। हॉस्पिटल में भर्ती होने से पहले मरीज में सक्रिय या निष्क्रिय रूप में संक्रमण का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता।कैसे फैलता है यह: हॉस्पिटल के वातावरण में बैक्टीरिया, वायरस या फंगस जैसे रोगाणु मौजूद होते हैं, जो आसानी से शरीर में पहुंच जाते हैं। हॉस्पिटल में भर्ती कई मरीजों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, इसलिए वे आसानी से एचएआई की चपेट में आ जाते हैं। कई मरीजों में यह हॉस्पिटल में फैली गंदगी या फिर हॉस्पिटल के स्टाफ के द्वारा सफाई न रखने से फैलता है। हॉस्पिटलों के जनरल वार्ड में कई मरीज एक साथ भर्ती रहते हैं, जिनके आपस में बातचीत से भी संक्रमण हो सकता है।कॉन्टैक्ट ट्रांसमिशन: कॉन्टैक्ट ट्रांसमिशन यानी संपर्क संचरण एचएआई का सबसे सामान्य माध्यम है। मरीज रोगाणुओं के सीधे संपर्क में आते हैं, तब इनसे संक्रमित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन: यह संचरण तब होता है, जब किसी संक्रमित व्यक्ति से रोगाणु युक्त छोटी बूंदें (ड्रॉपलेट) हवा के जरिये थोड़ी दूरी तय करती हैं और किसी मरीज के शरीर पर जमा हो जाती हैं।एयरबोर्न ट्रांसमिशन: इसमें संक्रमित व्यक्ति से निकले रोगाणु लंबे समय तक लघु कणों के रूप में हवा में तैरते रहते हैं। जब कोई रोगी इनके संपर्क में आता है तो ये उसे संक्रमित कर देते हैं।कॉमन वहिकल ट्रांसमिशन: यह संक्रमण हॉस्पिटल की टेबल, कुर्सियों, पलंग, यंत्रों और उपकरणों के माध्यम से फैलता है।किन संक्रमणों की आशंका है अधिक: – मूत्र मार्ग का संक्रमण (यूटीआई) – आंत में जलन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) – प्रासविक ज्वर (प्यूअर्परल फीवर) – श्वसन मार्ग के निचले भाग का संक्रमण इनमें मूत्रमार्ग का संक्रमण सबसे प्रचलित प्रकार है।
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*अन्य लेखकों की प्रसिद्ध कृतियां भी इसमें सम्मिलित हैं।
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ASIN : B07GVGKVMJ
Publisher : Prabhat Prakashan (24 August 2018)
Language : Hindi
File size : 411 KB
Screen Reader : Supported
Enhanced typesetting : Enabled
Word Wise : Not Enabled
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